Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लागू की गई धारा 163 को चुनौती देते हुए डॉक्टरों के पक्ष में फैसला सुनाया। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम के निर्देश पर सुनवाई जल्द की गई, जिसके बाद न्यायाधीश रविकिशन कपूर की बेंच ने निर्णय दिया कि हर नागरिक को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है।
कोलकाता। कोलकाता के रानी रासमणि रोड पर मंगलवार अपराह्न ‘द्रोह का कार्निवल’ की शुरुआत हुई। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड हटाए गए, जिससे प्रदर्शनकारियों का हुजूम उमड़ पड़ा। जूनियर डॉक्टरों द्वारा आयोजित इस कार्निवल को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लागू की गई धारा 163 को चुनौती देते हुए डॉक्टरों के पक्ष में फैसला सुनाया। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम के निर्देश पर सुनवाई जल्द की गई, जिसके बाद न्यायाधीश रविकिशन कपूर की बेंच ने निर्णय दिया कि हर नागरिक को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है। अदालत ने बार-बार इस अधिकार पर जोर दिया है।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने कई स्थानों पर बैरिकेड हटाने शुरू कर दिए। हालांकि, पंडाल विसर्जन के लिए आयोजित पूजा कार्निवल और 'द्रोह के कार्निवल' के मार्गों के बीच कुछ जगहों पर बैरिकेड अभी भी मौजूद हैं। रानी रासमणि रोड और धर्मतला इलाके में पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कई स्थानों पर भारी-भरकम बैरिकेड लगाए गए हैं, जिनमें लोहे की चेन और बांस के ढांचे का उपयोग किया गया है।
प्रदर्शन में महिषबाथान से आए ढाकियों ने भी हिस्सा लिया। उनके बैनरों पर लिखा था, **"न्याय जब प्रहसन बने, तो संघर्ष ही अंतिम रास्ता है।" कुल 21 ढाकियों के साथ प्रदर्शनकारी कार्निवल में उत्साह और जोश भरने को तैयार हैं। कुछ ही देर में ढाक, नारेबाजी और गीतों से रानी रासमणि रोड गूंजने लगेगा।